लॉकडाउन पीरियड में सोशल डिस्टेंसिंग के मामले में लापरवाही बरतने वाले तब्लीगी जमात को भी नफीसा अली ने निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा, ' मुझे तो यकीन नहीं होता कि वह ऐसा कर सकते हैं। अगर वह लोग कुरान में भी यकीन रखते हैं तो उसमें भी लिखा हुआ है कि महामारी अगर है तो हिफाजत और परहेज रखना चाहिए।
प्रशासन की तरफ से जो निर्देश हो, उनका पालन करना चाहिए। नफीसा ने आगे कहा, 'तब्लीगी जमात का व्यवहार बड़ा ही गैर जिम्मेदाराना है। पहले खुद इनफेक्ट हुए। फिर फैमिली को इनफेक्ट किया। फिर पूरे समाज के लिए खतरा बन गए यह लोग। जब मक्का मदीना मंदिर, गुरुद्वारे, वेटिकन चर्च सब इस महामारी के मसले को समझ रहे हैं तो इन तब्लीगी जमात के लोगों को क्यों नहीं समझ में आया, यह मेरी समझ से बाहर है। एक ऐसी सिचुएशन में जब हम सबको न सिर्फ एक-दूसरे के प्रति, बल्कि पूरे समाज के प्रति जिम्मेदाराना रवैया अपना कर रखना है, वहां पर इस तरह की गैर जिम्मेदाराना हरकत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। उनकी इमैच्योरिटी माफी के लायक नहीं है। इसके पीछे उनका कोई भी डिफेंस मैं एक्सेप्ट नहीं कर सकती कि वह या तो उनके अनुयायी कम-पढ़े लिखे हैं या एक खास तरीके से ही धर्म के बारे में सोचते हैं या उन को टारगेट किया जा रहा है। यह सब तर्क बिल्कुल मैं नहीं मानती हूं।'